बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। 27 मार्च की दोपहर 3:00 बजे इसकी घोषणा की गई। बिहार बोर्ड में कई छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी है। वहीं इस बार फिर से लड़कियों ने अपना परचम लहराया है। बता दें आट्स, साइंस और कॉमर्स तीनों विषय में लड़कियों ने ही बाजी मारी है। ऐसे में हम आपको साइंस में टॉप करने वाली सोनाली की कहानी बताते हैं…
बता दें बिहार बोर्ड में टॉप सोनाली कुमारी एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता चुन्नीलाल ठेले पर शहर-शहर में घूमकर फल सब्जियां बेचने का काम करते है। सोनाली कुमारी की कहानी ऐसे कई बच्चों के लिए प्रेरणा है जो अपने पंख फैला कर इस दुनिया में उड़ना चाहते हैं। ऐसे में आर्थिक मंदी उनकी इस उड़ान में बाधा बनती है तो उन्हें सोनाली से प्रेरणा लेनी चाहिए।
नालंदा जिले के बिहारशरीफ की सोनाली कुमारी ने इंटरमीडिएट साइंस में 471 नंबर के साथ टॉप किया है। उनके पिता चुन्नीलाल ठेले पर शहर-शहर में जाकर फेरी लगाकर फल और सब्जियां बेचने का काम करते हैं। इसके बावजूद वह अपनी दोनों बेटियों को पढ़ा लिखा कर उनके पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं। अपनी बेटियों को कुछ बनाने के जज्बे में उन्होंने अपनी जिंदगी को हर दिन परिश्रम की आग में झोक दिया है, वहीं उनकी बेटियां भी उनके नाम को रोशन कर रही है।
सोनाली का कहना है कि वह आने वाले समय में यूपीएससी टॉप करना चाहती है। उनका कहना है कि वह यूपीएससी टॉप कर अपने परिवार की गरीबी दूर करना चाहती है। फिलहाल उनकी इस कामयाबी से उनके घर में ही नहीं बल्कि बिहारशरीफ के उनके जानकारों में भी खुशी की लहर है। बता दें सोनाली कुमारी अपने परिवार के साथ बिहारशरीफ के चमन गली में स्वर्गीय गंगा हलवाई के मकान पर किराए पर रहती है।
सोनाली की सफलता में सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने यह टॉप अपने बलबूते पर किया है। इसके लिए उन्होंने किसी तरह की कोई कोचिंग/ट्यूशन नहीं ली है। सोनाली ने साइंस में 471 अंक यानी 94.2% अंक लाकर पूरे जिले में अपने परिवार का नाम रोशन किया है। बता दें इससे पहले मैट्रिक परीक्षा में भी सोनाली ने 454 अंक हासिल किए थे।
सोनाली का सपना है कि वह आईएएस बनकर समाज सेवा करना चाहती है। बता दे सोनाली अपने तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर बेटी है। उनकी इस कामयाबी से उनका परिवार फूला नहीं समा रहा है। उनके पिता का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है।