वास्तु ज्ञान

सुख शांति चाहिए तो वास्तुशास्त्र के इन उपायों को जरूर अपनाएं

Written by plusnews24

वास्तुशास्त्र (Vastu Shastra) के कुछ नियम अपना कर वास्तु दोष से छुट्कारा पाया जा सकता है। घर में सुख-शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए कुछ वास्तु नियमों को अपनाया जाना आवश्यक होता है।

  • वास्तु के अनुसार घर में पूजा घर का सही दिशा में होना आवश्यक है। साथ ही पूजाघर में या फिर पूजाघर की दिशा में कोई भारी सामान नही रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से घर के सदस्यों पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। मन की शांति और घर की उन्नति के पूजाघर का स्थान उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण पर ही होना चाहिए। यह दिशा देवताओं की मानी जाती है। पूजाघर के ऊपर या नीचे कभी टॉयलेट, रसोईघर या सीढ़ियां भी नहीं होनी चाहिए।
  • घर में पैसा आने के बाद भी अगर बचत नहीं हो पाती तो आपको अपने घर के दक्षिण-पूर्व दिशा से नीला रंग हटा देना चाहिए। इस दिशा में हल्का नारंगी, गुलाबी रंगों का प्रयोग करें।
  • घर में लगे मकड़ी के जाले, धूल-गंदगी को समय-समय साफ़ करते रहना चाहिए। गंदे घर में नेगेटिव एनर्जी का वास होता है जो घर के लोगों के लिए अच्छा नहीं माना जाता। पार्किंग के लिए घर की उत्तर-पश्चिम स्थान प्रयोग का प्रयोग करना शुभ होता है।
  • घर में बनी क्यारियों या गमलों में लगे हुए पौधों को प्रतिदिन पानी देना चाहिए। अगर क्यारी या गमले में कोई पौधा सूख जाए तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा में ओवरहैड वाटर टैंक रखना शुभ होता है।
  • घर में स्थित मन्दिर में नियमित रूप से पूजा होनी चाहिए। साथ ही दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए कभी नहीं करना चाहिए।
  • किचन में गैस चूल्हा रखने वाला प्लेटफार्म आग्नेय कोण में दोनों तरफ से कुछ इंच जगह छोड़कर बनाना चाहिए। वास्तु के हिसाब से किचन के लिए यह दिशा बेहद शुभ मानी जाती है।
  • शयन कक्ष में ड्रेसिंग टेबल हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए और सोते समय शीशे को देना चाहिए।
  • कभी भी दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से बेचैनी,घबराहट और नींद में खलल पड़ता है।

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