जिन लोगों की कुंडली में शनि के साथ राहु स्थित है, वे रहस्यमयी होते हैं। ये लोग गुप्त कार्यों से अधिक पैसा कमाते हैं। अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा सरकार से छिपाते हैं। यदि सप्तम भाव में ये युति रहती है तो जीवन साथी से तालमेल नहीं बन पाता है। वंही कुंडली में राहु और गुरु का योग होने पर व्यक्ति को लंबी उम्र प्राप्त होती है, लेकिन इनके जीवन परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं। ये लोग यात्राएं खूब करते हैं।
राहु और मंगल
ये योग भाई के लिए अशुभ रहता है। शत्रु षडयंत्र का भय रहता है। रक्त विकार और ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसे अंगारक योग भी कहते है। यदि ये युति पंचम भाव में हो तो व्यक्ति गुप्त विद्या का जानकार होता है। साथ ही राहु और बुध के योग से व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारी हो सकती है। ऐसा व्यक्ति खुद को होशियार समझता है और दूसरे को मूर्ख समझता है।
कुंडली में राहु का शुभ प्रभाव
- जातक की कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव सेव्यक्ति बहुत ही सम्मान प्राप्त करता है। वह हाजिरजवाबी के लिए जाना जाता है।
- राहु के शुभ होने पर जातक विदेशों की यात्राएं करता है।
- कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को राजनीति में बहुत ही ऊंचे मुकाम पर ले जाता है।
- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी नहीं थकता।
- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अचानक से धन लाभ प्राप्त करता है।
कुंडली में राहु का अशुभ प्रभाव
- राहु के अशुभ असर से व्यक्ति को अपमान का दंश झेलना पड़ता है।
- राहु के अशुभ प्रभाव से किसी काम में व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती।
- जब कुंडली में राहु अशुभ होता है व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है।
- राहु राजनीति में तो ले जाता है लेकिन बदनामी का कारण भी यही ग्रह होता है।
- अशुभ राहु के प्रभाव से व्यक्ति की व्यवहार और नैतिकता में लगातार गिरावट आती है।
सेहत के दृष्टिकोण से राहु वायु तत्व का कारक है। जिसके कारण बदहजमी, कब्ज, इत्यादि की समस्या उत्पन्न होती है। इससे बचने के लिए गोभी, मटर, पनीर, राजमा, इत्यादि इन सब चीजों का खाने में कम से कम प्रयोग करें तथा रात के समय इन सबका बिल्कुल ही प्रयोग ना करें। हरी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें।
बुद्धि-विवेक पर राहु का दुष्प्रभाव हो तो उससे बचने के लिए जातक को भ्रामरी और शीतलीकरण प्राणायाम करना चाहिए। यदि राहु का प्रकोप बहुत ज्यादा है तो इसके लिए राहु शांति का अनुष्ठान कराएं। रविवार के दिन दोपहर के समय भगवान भैरव जी के दर्शन करने से आपको लाभ मिलेगा। राहु के प्रभाव से जो विकट बाधा उत्पन्न होने वाली है, वह दूर हो जाएगी। व्यापारिक और नौकरीपेशा में राहु का प्रकोप हो, तो उसके लिए जातक भगवान गणेशजी की पूजा करें, तथा उन्हें दुर्वा चढ़ाएं। भगवान गणेशजी का अनुष्ठान करवाएं।