उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए योगी सरकार ने कक्षा एक से लेकर 12 तक के सभी स्कूलों, कालेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। यह आदेश 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। वहीं पहले से तय परीक्षायें होती रहेंगी। इस दौरान कोरोना गाइड लाइंस का पूरा ख्याल रखा जायेगा और जरूरत के हिसाब सेे शिक्षक व अन्य स्टाफ को बुलाया जा सकता है।
ज्ञात हो कि प्रदेश के कोरोना महामारी का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में कम से कम दो हजार आईसीयू बेड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर 2000 हजार अतिरिक्त कोविड बेड की व्यवस्था करने को कहा है। सीएम ने जिलाधिकारी को जिले के सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित कराने के साथ ही शहर में उपलब्ध करीब 48 सरकारी एंबुलेंस की संख्या को बढ़कर अति शीघ्र दोगुनी करने निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में कक्षा 01 से 12वीं तक के सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में 30 अप्रैल तक पठन-पाठन स्थगित रखा जाए।
कोचिंग सेंटर भी बंद रहें।
इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं हो सकती हैं और आवश्यकता के अनुरूप शिक्षक व अन्य स्टाफ आ सकते हैं: #UPCM श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 11, 2021
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी से सबसे अधिक सर्वाधिक जिलों लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कानपुर के रामा मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में चलाने को कहा है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि प्रदेश में रोजाना हो रही कोविड जांचों में कम से कम एक लाख आरटीपीसीआर जांच की जाएं। लखनऊ में बड़े स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के निर्देश दिए गए है। योगी ने कहा कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए कम से कम 30 से 35 लोगों को ट्रेस करते हुए उनका कोविड टेस्ट कराया जाए। संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेशन या अस्पताल में रखा जाए। इन्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को एंबुलेंस सेवाओं से जोड़ा जाए।
सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देश
मुख्यमंत्री ने लखनऊ के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि धर्मस्थलों में पांच से अधिक लोगों को एक साथ प्रवेश की इजाजत न दी जाए। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। कंटेनमेन्ट जोन में आवागमन को प्रतिबंधित किया जाए। मास्क न लगाने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाए। मुख्यमंत्री ने लखनऊ में प्रत्येक गांव और हर नगर निकाय के प्रत्येक वार्ड में निगरानी समितियों को सक्रिय करने को भी कहा है, एक संक्रमित मरीज से 25 मीटर के दायरे और एक से अधिक संक्रमित मरीजों की स्थिति में 50 मीटर के दायरे को कंटेनमेन्ट जोन बनाया जाए।